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मैं ना हासिल होउंगा।

 शीर्षक- मैं ना हासिल होउंगा। बंद हुए दिल के दरवाजे रूह से दाखिल होउंगा  मुझे पता है तेरी दुआओं में मैं शामिल होऊंगा  ले आई है चाहत तेरी मुझको यार तेरे दर पर  लेकिन इतनी आसानी से मैं ना हासिल होउंगा । दिल ये साफ हो रूह पाक हो मन में मैल कभी ना हो  वह कहती है यार तभी मैं उसके काबिल होउंगा  याद में उसके खोकर बच्चों जैसे सो जाता हूं  रहकर उसके ख्वाब में उसकी नींद का कातिल होऊंगा।   आया था जब गांव तेरे तो मैं भी बहुत ही आलिम था  सोचा ना तेरे प्यार में पड़कर मैं भी जाहिल होउंगा  चोट हमें पहुंचाते हो और दर्द भी खुद सह जाते हो  तेरे हर इक वार से यारा अब तो गाफिल होऊंगा आंखों में खुद आंसू भर कर आप हमें समझाते हो  दर्द तुम्हारे सहने को मैं खुद ही चोटिल होंउंगा  जंग हमेशा लड़ता रहा हथियार नहीं डाले मैंने  नहीं पता था सामने उसके मैं भी काहिल होऊंगा। उसकी मुस्कानों से पूरी महफिल में रौनक आए  खुशबू और चमक से उसके मैं भी झिलमिल होउंगा  कुछ लोगों की बुरी नजर से उसको बचाने की खातिर  उसके गोरे चेहरे पर मैं ही काला तिल ह...

प्रणाम करें।।

 शीर्षक - प्रणाम करें ।। प्रणाम करें !  प्रणाम करें!  सब साथ में रहने की खातिर; हम मिलकर ऐसा कुछ काम करें  प्रणाम करें!    प्रणाम करें ! देश की मिट्टी को चंदन बनाकर                 उसका मान सम्मान करें  प्रणाम करें!    प्रणाम करें ! कश्मीर मिलाकर अपने में ; हम नक्शे का विस्तार करें  प्रणाम करें!  प्रणाम करें ! बड़े बुजुर्गों का कहना माने  सत्य मार्ग का निर्माण करें  प्रणाम करें!  प्रणाम करें !     देश के कोने कोने में;     राष्ट्रगान का गान करें   प्रणाम करें !  प्रणाम करें ! चढ़ हिमालय की चोटी पर  अपनी ही पहचान करें  प्रणाम करें !   प्रणाम करें ! कर दिखलाएं ऐसा कुछ  विदेश भी देश का नाम करें  प्रणाम करें!   प्रणाम करें!  दूसरों के लिए नहीं सही  अपने ही लिए कुछ काम करें  प्रणाम करें!   प्रणाम करें ! मेहनत करके बनकर 'कलाम'  हम देश को कुछ दान करें  प्रणाम करें!  ...

बहुत है।।

 शीर्षक - बहुत है।। ये दिल हर बात को छुपाता बहुत है  दिखता नहीं पर दिल से उसे अपनाता बहुत है । नजर कर दे ना कभी कोई गुस्ताखी उनसे  बेचारा दिल इसे समझाता बहुत है ।। वो देखती नहीं कभी कहीं मुड़ करके तुझे  फिर भी मोहब्बत के सपने सजाता बहुत है । कभी तो बोल दे कि उनसे मोहब्बत तुझको  किया है प्यार मगर शरमाता बहुत है ।। बिछाए पलकें हैं दीदार उनका करने को कमबख्त इंतजार भी तड़पाता बहुत है । मुझे खुद में अकेला ही छोड़ देता है  ये दिल उनके पास ही जाता बहुत है ।। निगाहें देखना चाहें ना खूबसूरत को  बस उनकी सादगी भाता बहुत है । यार कहते हैं कि जाओ करो इजहार तो अब  जब भी नजदीक जाए दिल तो घबराता बहुत है ।। भले वो दूर रहें पर वो मेरे सामने रहें  करके दीदार उनका दिल सुकूं पाता बहुत है । ना तरन्नुम का इल्म और ना ही साज कोई  ज़ेहन में रख के उनको आजकल गाता बहुत है।।  बता रही है आंख रात में ना सोए हो  हो गया इश्क है ये तो जगाता बहुत है । हमारी आंख तो खुलती नहीं सुबह जल्दी  खोकर ख्वाबों में उसके दिल ये सुलाता बहुत है।।  तुझसे हूं दूर मगर फि...

ऐसी हिंदी हमारी है।।

 शीर्षक - ऐसी हिंदी हमारी है।। कवियों की लेखनी से बहती झर झर निर्मल प्यारी है  गंगा जल सी पावन देखो ऐसी हिंदी हमारी है । मां की लोरी, बहन की डांट, और पिता की यारी है  दादी की परियों की कहानी ऐसी हिंदी हमारी है ।। यह तुलसी, कबीर, गौतम ,केशव, भूषण की वाणी है  प्रसाद, पंत, निराला कह गए ऐसी हिंदी हमारी है । महादेवी जी के गीतों में इस की शोभा न्यारी है  छंद नरोत्तम ने लिख डाले ऐसी हिंदी हमारी है ।। चेतना हिंदी में है और हिंदी में वेदना सारी है  भाव, व्याकरण और आचरण ऐसी हिंदी हमारी है।  हिंदी में स्वागत करते हिंदी वैवाहिक गारी है  वागेश्वरी चरण में अर्पित ऐसी हिंदी हमारी है ।। संगम हिंदी, साधना हिंदी, हिंदी सब पर भारी है  ग़ालिब की गज़लों में दिखती ऐसी हिंदी हमारी है । सुभद्रा की खूब लड़ी मर्दानी पर सब वारी है  हल्दीघाटी जो लिख डाले ऐसे हिंदी हमारी है ।। हिंदी नदी का मीठा जल बाकी सागर सी खारी है  अमृतमयी भाव रखती जो ऐसी हिंदी हमारी हैं।  बचपन में जै करना सीखें अल्लाह अल्लाह पुकारी है  जनमानस का मेल कराती ऐसी हिंदी हमारी है।। सुं...

वास्तव में हिंदी की स्थिति क्या है?

  शीर्षक - वास्तव में हिंदी की स्थिति क्या है ? वास्तव में हिंदी की स्थिति क्या हैै? इसमें असमंजस की स्थिति है आजकल जो छात्र विज्ञान शिक्षक से पूछते हैं गुरुजी गति क्या तो गुरुजी प्यारी सी हिंदी में जवाब देते हैं गति का मतलब मोशन , जब गुरु जी से चर्चा होती है कि आप विज्ञान नहीं अंग्रेजी पढ़ा रहे हैं तो गुरु जी बताते हैं बिना अंग्रेजी के विज्ञान कहां? और गलती से अगर हम उन्हें गुरुजी बुलाते हैं तो वो हम पर भड़क जाते हैं क्योंकि उन्हें तो सर जी पसंद आते हैं । अच्छा अब देखिए बॉलीवुड बात करेें तो बॉलीवुड वाले भी हिंदी की रोटी खाते हैं पर हिंदी बोलने से कतराते हैं और अंग्रेजी बोल कर अपनी छवि बेहतर बनाते हैं सामान्य लोग भी हिंदी बोलते बोलते बीच-बीच में अंग्रेजी को घुसेड़ देते हैं ऐसा इसलिए करते हैं ताकि सामने वाला उन्हें बेवकूफ समझने की बेवकूफी ना कर बैठे । और अंग्रेजी बोल कर खुद को गौरवान्वित महसूस करते हैं तथा व्यक्तित्व में बिल्कुल वैसा ही निखार आ जाता है जैसे बूढ़ी औरत ब्यूटी पार्लर से निकली हो और देखने वाला उस पर अपना सर्वस्व न्योछावर करने को तैयार हो । ऐसे लोगों के लिए अंग्रेजी उनके...

बहराइच

 शीर्षक -  ।। बहराइच ।। देता है आज भी नया पैगाम बहराइच  लगता है आज भी हसीं जवान बहराइच । खंडहर में यहां के है अजब खूबसूरती  प्राचीनता की आज भी पहचान बहराइच ।। जंगल भी समेटे हुए है अपनी बाहों में  जंगल के राजा की दिखे हैं शान बहराइच । मंदिर में सुबह शाम गूंजती हैं घण्टियां  और मस्जिदों में गूंजती अज़ान बहराइच ।। हैं लोग दिल के सच्चे ईमान के भी पक्के  दिखता है खूबसूरती की खान बहराइच । कोई हो जाति धर्म सभी साथ में चलें  है इसलिए ही खास नहीं आम बहराइच ।। सड़कें यहां खुशहाल हैं गलियां भी शांत हैं  लगता नहीं दिखे कहीं भी जाम बहराइच । हर ओर है खलिहान खेत प्राकृतिक सौंदर्य  दिखता नहीं कहीं से भी वीरान बहराइच ।। चोरी ठगी धोखा न गला काटना सीखा  है आज भी दिखे जरा नादान बहराइच । कल तक जो हकीकत था वो इतिहास बन गया  पुरखों का समेटे हुए दास्तान बहराइच ।। सुख दुख में दूसरों की मदद को सदा तैयार  रखता है खुद में ऐसे ही इंसान बहराइच । हॅस देंगे आप चाहें भी हो कितने दर्द में  रखता है ऐसी प्यार की जुबान बहराइच ।। रह पाते हैं ना बिन तेरे य...

आज़ादी का जश्न मनायें।।

  शीर्षक- आज़ादी का जश्न मनाएं ।। आज़ादी का जश्न मनायें, आओ झूमे गाएं । दी है जान वतन पर जिसने, उनको नहीं भुलाएं।। वीरों ने जो सपने देखें, पूरा कर दिखलाया और विदेशी गोरों को भारत से मार भगाया याद उन्हें कर अपना तिरंगा, नभ में हम फहराएं आज़ादी का जश्न मनायें, आओ झूमे गाएं ।। जूझे थे जो भूख, विवशता, और जूझे कंगाली से गोरों से तो जूझते रहते बेकारी बेहाली से सोच सोच कर उनके समय को, आंखें नम हो जाएं आज़ादी का जश्न मनायें, आओ झूमे गाएं ।। कमर कसी आज़ादी लेंगे, या फिर सिर कटवायेंगे वीरों ने खायी थी कसम , गोरों को मार भगायेंगे अपनी हक़ की खातिर लड़ना वीर हमें सिखलाएं आज़ादी का जश्न मनायें, आओ झूमे गाएं ।। तब तो ना था जातिवाद ना धर्मवाद का झमेला चाह रहे सब दास मुक्त हो आज़ादी का मेला अखण्डता का ज्ञान दिया और सबको एक बनाएं आज़ादी का जश्न मनायें, आओ झूमे गाएं ।। देख तिरंगा लहराता हमें नाज़ देश पर होता है सोचो आज़ादी पाने को एक वीर क्या खोता है हमको जीवित रखने को खुद अपने प्राण गंवाए आज़ादी का जश्न मनायें, आओ झूमे गाएं ।। धरती ये अशफाक की है, विश्मिल सुभाष भी बेटे हैं हो शहीद आज़ाद, भगत, मां क...