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Showing posts from September, 2021

बहुत है।।

 शीर्षक - बहुत है।। ये दिल हर बात को छुपाता बहुत है  दिखता नहीं पर दिल से उसे अपनाता बहुत है । नजर कर दे ना कभी कोई गुस्ताखी उनसे  बेचारा दिल इसे समझाता बहुत है ।। वो देखती नहीं कभी कहीं मुड़ करके तुझे  फिर भी मोहब्बत के सपने सजाता बहुत है । कभी तो बोल दे कि उनसे मोहब्बत तुझको  किया है प्यार मगर शरमाता बहुत है ।। बिछाए पलकें हैं दीदार उनका करने को कमबख्त इंतजार भी तड़पाता बहुत है । मुझे खुद में अकेला ही छोड़ देता है  ये दिल उनके पास ही जाता बहुत है ।। निगाहें देखना चाहें ना खूबसूरत को  बस उनकी सादगी भाता बहुत है । यार कहते हैं कि जाओ करो इजहार तो अब  जब भी नजदीक जाए दिल तो घबराता बहुत है ।। भले वो दूर रहें पर वो मेरे सामने रहें  करके दीदार उनका दिल सुकूं पाता बहुत है । ना तरन्नुम का इल्म और ना ही साज कोई  ज़ेहन में रख के उनको आजकल गाता बहुत है।।  बता रही है आंख रात में ना सोए हो  हो गया इश्क है ये तो जगाता बहुत है । हमारी आंख तो खुलती नहीं सुबह जल्दी  खोकर ख्वाबों में उसके दिल ये सुलाता बहुत है।।  तुझसे हूं दूर मगर फि...

ऐसी हिंदी हमारी है।।

 शीर्षक - ऐसी हिंदी हमारी है।। कवियों की लेखनी से बहती झर झर निर्मल प्यारी है  गंगा जल सी पावन देखो ऐसी हिंदी हमारी है । मां की लोरी, बहन की डांट, और पिता की यारी है  दादी की परियों की कहानी ऐसी हिंदी हमारी है ।। यह तुलसी, कबीर, गौतम ,केशव, भूषण की वाणी है  प्रसाद, पंत, निराला कह गए ऐसी हिंदी हमारी है । महादेवी जी के गीतों में इस की शोभा न्यारी है  छंद नरोत्तम ने लिख डाले ऐसी हिंदी हमारी है ।। चेतना हिंदी में है और हिंदी में वेदना सारी है  भाव, व्याकरण और आचरण ऐसी हिंदी हमारी है।  हिंदी में स्वागत करते हिंदी वैवाहिक गारी है  वागेश्वरी चरण में अर्पित ऐसी हिंदी हमारी है ।। संगम हिंदी, साधना हिंदी, हिंदी सब पर भारी है  ग़ालिब की गज़लों में दिखती ऐसी हिंदी हमारी है । सुभद्रा की खूब लड़ी मर्दानी पर सब वारी है  हल्दीघाटी जो लिख डाले ऐसे हिंदी हमारी है ।। हिंदी नदी का मीठा जल बाकी सागर सी खारी है  अमृतमयी भाव रखती जो ऐसी हिंदी हमारी हैं।  बचपन में जै करना सीखें अल्लाह अल्लाह पुकारी है  जनमानस का मेल कराती ऐसी हिंदी हमारी है।। सुं...

वास्तव में हिंदी की स्थिति क्या है?

  शीर्षक - वास्तव में हिंदी की स्थिति क्या है ? वास्तव में हिंदी की स्थिति क्या हैै? इसमें असमंजस की स्थिति है आजकल जो छात्र विज्ञान शिक्षक से पूछते हैं गुरुजी गति क्या तो गुरुजी प्यारी सी हिंदी में जवाब देते हैं गति का मतलब मोशन , जब गुरु जी से चर्चा होती है कि आप विज्ञान नहीं अंग्रेजी पढ़ा रहे हैं तो गुरु जी बताते हैं बिना अंग्रेजी के विज्ञान कहां? और गलती से अगर हम उन्हें गुरुजी बुलाते हैं तो वो हम पर भड़क जाते हैं क्योंकि उन्हें तो सर जी पसंद आते हैं । अच्छा अब देखिए बॉलीवुड बात करेें तो बॉलीवुड वाले भी हिंदी की रोटी खाते हैं पर हिंदी बोलने से कतराते हैं और अंग्रेजी बोल कर अपनी छवि बेहतर बनाते हैं सामान्य लोग भी हिंदी बोलते बोलते बीच-बीच में अंग्रेजी को घुसेड़ देते हैं ऐसा इसलिए करते हैं ताकि सामने वाला उन्हें बेवकूफ समझने की बेवकूफी ना कर बैठे । और अंग्रेजी बोल कर खुद को गौरवान्वित महसूस करते हैं तथा व्यक्तित्व में बिल्कुल वैसा ही निखार आ जाता है जैसे बूढ़ी औरत ब्यूटी पार्लर से निकली हो और देखने वाला उस पर अपना सर्वस्व न्योछावर करने को तैयार हो । ऐसे लोगों के लिए अंग्रेजी उनके...

बहराइच

 शीर्षक -  ।। बहराइच ।। देता है आज भी नया पैगाम बहराइच  लगता है आज भी हसीं जवान बहराइच । खंडहर में यहां के है अजब खूबसूरती  प्राचीनता की आज भी पहचान बहराइच ।। जंगल भी समेटे हुए है अपनी बाहों में  जंगल के राजा की दिखे हैं शान बहराइच । मंदिर में सुबह शाम गूंजती हैं घण्टियां  और मस्जिदों में गूंजती अज़ान बहराइच ।। हैं लोग दिल के सच्चे ईमान के भी पक्के  दिखता है खूबसूरती की खान बहराइच । कोई हो जाति धर्म सभी साथ में चलें  है इसलिए ही खास नहीं आम बहराइच ।। सड़कें यहां खुशहाल हैं गलियां भी शांत हैं  लगता नहीं दिखे कहीं भी जाम बहराइच । हर ओर है खलिहान खेत प्राकृतिक सौंदर्य  दिखता नहीं कहीं से भी वीरान बहराइच ।। चोरी ठगी धोखा न गला काटना सीखा  है आज भी दिखे जरा नादान बहराइच । कल तक जो हकीकत था वो इतिहास बन गया  पुरखों का समेटे हुए दास्तान बहराइच ।। सुख दुख में दूसरों की मदद को सदा तैयार  रखता है खुद में ऐसे ही इंसान बहराइच । हॅस देंगे आप चाहें भी हो कितने दर्द में  रखता है ऐसी प्यार की जुबान बहराइच ।। रह पाते हैं ना बिन तेरे य...