पत्नी को कोरोना।

 बहुत मजाक बनाते हैं सब पत्नी का ! लेकिन जब पत्नी कोरोना से बीमार हुई तब एक पति की क्या हालत हुई पढ़िए एक पति की व्यथा !


आज तुम्हें अस्पताल छोड़कर घर आया जैसे ही!

ऐसा लग रहा था मानो अपना एक हिस्सा छोड़ आया हूं कही दूर !

अस्पताल जाते समय

तुम्हें देख रहा था

बेबस सा ! तुम्हारी तकलीफ जानकर भी कुछ कर नहीं पा रहा था !

आज पहला ऐसा मौका था जब तुम मुझे संभालने की बजाय खुद बेसुध थीं!

पूरे रास्ते में मैं यही सोच रहा था कि कितनी आसानी से तुम मुझे संभाल लेती थीं हर बार और मैं एक बार भी

कुछ नहीं कर पा रहा !

डाक्टरों ने जब मुझे बाहर 

जाने को कहा तो ऐसा लगा

तुम निकल गई हो मेरे भीतर से ! मुझे शरीर के हिस्से को काटने सा दर्द हुआ पर मैं किससे कहता !

कैसे रोता ? मैं आदमी हूं ना !

घर की दहलीज पर कदम रखते ही पैर कांपने लगे मेरे, मैं वहीं पर बैठ गया !

थोड़ी देर बाद जब बच्चों को पता चला तो वह बाहर आये मुझे भीतर ले गये !

मैं चुपचाप एक छोटे से बच्चे के समान उनके दिशानिर्देशों का पालन करने लगा !

अगर तुम अभी यहां होतीं

तो मैं कोई शासक की भांति

भीतर कदम रखता !

मैं यह भी जानता हूं तुम्हारे घर से दूर जाते ही मेरी सारी बादशाहत छिन गई !

बच्चों ने खबर ली मां की

और अपने अपने कार्यों में व्यस्त हो गए और मैं चुपचाप सा अपने कमरे में बिस्तर पर पसर गया !

आज कोई नहीं है मुझे टोकने वाला ,पर मुझे अच्छा नहीं लग रहा !

तुम्हारी तस्वीर को देखते कब नींद आ गई

पता ही नहीं लगा !

बेटे ने खाने के लिए ‌आवाज लगाई तब नींद खुली !

पर वो तुम्हारा आवाज लगाना उस और इस आवाज में फर्क था,जो आज मुझे पता चला!

मैं तुम्हें कुछ नही होने दूंगा !

क्योंकि मैं नहीं रह पाऊंगा अपने शरीर के इस अमूल्य हिस्से के बिना

आज मुझे अहसास हुआ

तुम हो तो मेरी बादशाहत है

तुम हो तो मैं हूं !


सभी नारियों को समर्पित

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प्रणाम करें।।

मैं ना हासिल होउंगा।

मैं पागल हूं, रहने दो।।