थूको

 खाया पान भरा जो मुंह में सोचा थूक कहा आऊँ

नाली के जब पास गया तो कीड़ा बोला हट जाऊँ

उद्दल सामने आया वो और मुझे देखकर गुर्राया

बहुत जोर से मुझको डॉटा और डॉटकर समझाया

अगर थूकना ही है तुमको थूको उस शिक्षालय पर

शिक्षा का स्तर जो गिराते थूको उस विद्यालय पर

खाते पान चबाते गुटखा बीयर और सिगरेट फूंके

बच्चों को गुमराह जो करते, ऐसे शिक्षक पर थूके

मार रही जनता को जिन्दा उस मदिरालय पर थूको

करे न्याय में उलट फेर तो उस न्यायालय पर थूको

जनता का हक खा जाता थूको ऐसे परधान पर

नेताओं पर प्रेम से थूको सरकारी संस्थान पर

अरे थूकने की खातिर नेताओं की जनसभाएं है

कभी तो उन पर भी थूको जो देते नकली दवाएं हैं

उस अधिकारी पर थूको, जो बात आपकी न सुनते

रिश्वतखोर पुलिस वाला हो उस पर क्यो तुम न थूके

राष्ट्रवाद के नाम पे दंगा करने वालों पर थूको

समाजवाद पे जाति का पंगा, करने वालों पर थूको

बहुजन हिताय कहकर स्वजन हिताय करे उन पर थूको

और नहीं कुछ कर सकते तो थूकने में तो ना चूको

युवा शक्ति से खेल रही ऐसी सरकारों पर थूको

देश मे रहकर नहीं देश के उन मक्कारों पर थूको

गबन किया घोटाला जो उस भ्रष्टाचारी पर थूको

आंखों में बस रहे वासना उस व्यभिचारी पर थूको

थूकना है तो जाओ थूको थाने की धन उगाही पर

कभी तो थूको जा करके सरकारी तानाशाही पर

इतनी सारी जगहें है फिर उठा के मुंह क्यों यहाँ आये

या सोचा दो चार ठीक है, उन पर छींटे ना जाये

करा दिया "एहसास" मुझे वो, भारत की तस्वीरों से

नेता तो बस फेंक रहे है दिल्ली की प्राचीरों से

ऐसी घुट्टी दी उसने की ना थूकूं ना निगल पाऊं

नाली के जब पास गया तो कीड़ा बोला हट जाऊँ।।

Comments

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प्रणाम करें।।

मैं ना हासिल होउंगा।

मैं पागल हूं, रहने दो।।